हनी झांझरी। कोरोना वाइरस से संक्रमित होना उतना खतरनाक नहीं भी हो सकता है जितना की इसकी जांच से भागना व जांच में इसकी पुष्टि होने पर इसे छुपाकर रखना। तब्लीगी जमात के लाेगाें के काेराेना की जांच काे लेकर दिखाये जा रहे नकारात्मक रवैये के बीच गाैहाटी के व्यवसायी का जज्बा साेशल मीडिया पर छाया हुआ है।

आपकाे बता दें कि असम में काेराेना के संक्रमण की पुष्टि का आंकड़ा 26 के पार पंहुच चुका है।
नई दिल्ली के तब्लीगी मरकज में कोरोना संक्रमण को लेकर बरती गई घातक लापरवाही ने देश में इस वाइरस के संक्रण की घटनाओं को कईं गुना बढ़ा दिया। देश के बचे खुचे राज्यों को भी इसकी चपेट में ले लिया।
जब असम सरकार ने तब्लीजी जमात से लौटे लोगों को स्वेच्छापूर्वक इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देने का आह्वान किया, तब ज्यादातर लोगों ने इस अपील को दरकिनार कर दिया।
फिर भी सरकार ने पुलिस व जनता की मदद से अधिकतर लोगों को ढूंढ निकाला। हालांकि अब भी कुछ लोग भूमिगत हैं। कई जगहों पर तो पुलिस के खदेड़ खदेड़ कर ऐसे लोगों को क्वारेंटाइन व इलाज के लिए अस्पताल पंहुचाया।

लेकिन इसके बिल्कुल उलट गौहाटी के युवा व्यवसायी मनीष टिबड़ेवाल की बहादुरी इन दिनों सोशल मीडिया पर छायी हुई है। जब शुक्रवार की रात उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई, तब उन्होंने बेझिझक की इसकी जानकारी अपने करीबियों व आम लोगों को दी।

वाट्सएप स्टेटस के जरिये उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों से क्वारंटाइन पर रहने का अनुरोध भी किया। मनीष के इस पहल का खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. हिमन्त विश्व शर्मा ने प्रशंसा की है।

मीडिया से बातचीत में मनीष ने अपनी नई दिल्ली यात्रा से लेकर तालाबंदी तक के दौरान सभी यात्राओं की जानकारी भी दी है। बीमारी के सामान्य लक्षण होने के बावजूद उन्होंने खुद को क्वारेंटाइन कर दिया।
मनीष का जज्बा वाकई काबिल-ए-तारीफ है व इस बीमारी को लेकर लोगों की कईं भ्रांतियों को भी दूर करता है।
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